अगर हम आज की बात करे तो बहोत से लोग अभी तक ये नहीं जन पाए है की Who is the father of shiva। यदि आपके मन में भी यह प्रश्न आ रहा है की शिव जी का पिता कोन है तो यह आर्टिकल अप केलिए है। हम आपको बतायेगे की असलियत में भगवान् के पिता है या वो खुद ही जन्मे है तो आएये जानते है ये युगों युगों चली आई कहानी जो पूरी भी है और अधूरी भी है।
भारत में भगवान शिव का नाम सुनते ही लोगो में एक अलग तरीके की भक्ति ,शक्ति और इसके साथ ही कुछ जरुरी रहस्य ये तीनों साथ जुड़ जाते हैं ऐसा बोला जाता है की भगवान् शिव स्थान सबसे ऊँचा है उसके साथ ही उनका जीवन बहोत रहस्यमय रहा है।
हर कोई जानता है कि भगवान् शिव त्रिलोक नाथ में से एक है क्युकी वो हमारा पालन करते है तभी तो हम उन्हें तीनों भूमिकाएँ एक साथ निभाने वाले देवता कहते हैं। इसीलिए हम उन्हें प्यार से महादेव, भोलेनाथ और भी बहोर कुछ बुलाते है।
लेकिन जब कोई हमसे ये पूछता है Who is the father of shiva तो यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर कर देता है की क्या भागवान शिव का जन्म हुआ था, या क्या कोई उनका जनक है या वे स्वयं से ही प्रकट हुए थे तो इसं सवालों का अभी तक हम सबको सीधा सा जवाब नहीं मिला है क्युकी भगवान शिव केवल देवता नही है बल्कि उनके अन्दर परम सकती है।
भागवान शिव कौन है?

अब आते है सबसे जरुरी बात पे जो है की भागवान शिव कौन है तो भगवान शिव को त्रिदेवों में तीसरा माना गया है क्युकी सबसे पहेले ब्रम्हा जी है जिन्होंने हमरी इस धरती को बनया था उनके बाद विष्णु जी वे हमरा पालन पोसन करते है उनके बाद आते है देवो के देव महादेव यानी शिव् जी जो बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत करते है।
पर भगवान् शिवे कौन है ये असल मैं उनके नाम से हम जान सकते है जैसे शिव का काम विनाश नहीं बल्कि नया आरंभ करना है जब जब धरती पर कुछ पुराना ख़त्म होता है तो समझ जाओ कुछ नया जन्म लेने वाला है इसीलिए कहेते है वे केवल देवता नहीं है बल्कि पुरे ब्रमांड की एक उर्जा है।
विषय | जानकारी |
नाम | भगवान् शिव ,महादेव,भोलेनाथ,शंकर ,रुध्र |
पत्नी | देवी पार्वती (शक्ति) |
मतलब | कल्याणकारी, शुभ, मंगलमय |
स्वरूप | निराकार और साकार दोनों रूप |
निवास स्थान | कैलाश पर्वत |
मुख्य प्रतीक | तिसरी आख, त्रिशूल,चंद्रमा , गंगा ,डमरू |
Who is the father of shiva?
वैसे ये बात सुनने के बाद मन मैं बहोत सवाल आते है की Who is the father of shiva क्या आप जानते है अगर नहीं तो चलिए आज जानते है की भगवान शिवे के पिता आखिर है कौन तो हम आपको बता दे भगवान शिव के कोई पिता नहीं है क्युकी वो स्वयं से ही जन्मे है वो स्वयंभू है इसलिए उनका कोई पिता नही है
शिव पुराण, लिंग पुराण और स्कंद पुराण में कहा गया है की शिव जी के पिता नहीं है जब से सृष्टी का आरंम्भ हुआ है वे तब से ही है कभी कुछ कथाओं में सुना गया कि ब्रह्मा के मस्तक से रुद्र प्रकट हुए, लेकिन यह केवल एक कहानी है। शिव त्रिदेव में संहारक हैं इसलिए पूछना कि Who is the father of shiva ये व्यर्थ है क्योंकि वे स्वयं सृष्टि के पिता और अनंत हैं।
अगर हम सही तरीके से देखे तो शिव जी के कोई पिता नहीं है वे स्वयंभू, अनादि और अनंत हैं वे किसी से नहीं है बल्कि हमारी पूरी सृष्टी को उन्होंने ही बनाया है इसीलिए उन्हें मामदेव खः जाता है देवताओ के भी देवता तो आगे बढ़ते है अभी बहोत सी जानकरी बाकि है।
भागवान शिवे की लोक कथाए

पुरानी लोककथाओं में कहा जाता है कि भगवान् शिव भोलापन और दयाएक मूरत हैं। वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। एक बहोत मशहूर कथा में बताया गया है कि जब एक गरीब किसान ने अपनी मेहनत और भक्ति से शिव से मदद मांगी, तो शिव स्वयं उसके सामने आये और उसकी मुश्किलें दूर कर दी।
और तो कई कथाओ मैं शिव जी को पहाड़ो का देवता भी बताया गया है क्युकी उनका निवश हिमालय की पर्वत पर हुआ करता था जहा कोई जल्दी जाता नहीं वहा वह रहते है तो आप जान सकते है की शिव जी न केवल देवताओं के देवता हैं, बल्कि प्रकृति के रक्षक भी हैं।
इसमें यह भी बाते गया है की शिव के भूतनाथ, नटराज और रुद्र रूपों की कहानियाँ भी भी बहोत फैली हुई है। ये कहानियाँ हमें जीवन के सत्य, भक्ति और शन्ति से रहेना सिखाती है।इन कथाओं से हमें यह पता चलता है की कि शिव केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि हमारे जीवन और मन में मौजूद हैं।
शिव जी के कुछ मशहूर मंदिर
वैसे तो हमरे भारत में शिव जी के बहोत नसे मंदिर है पर आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिर के बारे मैं बतायेगे जहा हर कोई जाना चाहता है ताकि वो अपने मान को शांत कर सके अपने दुख भगवान से बता सके।
तो उन मंदिरों मैं से एक है काशी विश्वनाथ (वाराणसी) फिर सबका मन पसंद है केदारनाथ (उतराखंड) फिर सोमनाथ (गुजरात), महाकालेश्वर (उज्जैन) जैसे इनमे जोयतिलिंग भी शामिल है।
ये मंदिर केवल सुन्दर नहीं है बल्कि लोग यहाँ ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता देखने भी जाते है यहाँ रोज आरती होती है शिव जी की पूजा-अर्चना होती है यहाँ कोई भी आये वोई अपने सारे सुख दुःख बुल के भागवान मैं लीन हो जाते है।
मंदिर का नाम | स्थान | विशेषताए |
कशी विश्वनाथ मंदिर | वाराणसी उत्तर प्रदेश | शिव का सबसे पवित्र मंदिर कशी में है |
केदारनाथ मंदिर | उत्तराखंड | चारो धमो में से एक हिमालय की गोद मैं है |
सोमनाथ मंदिर | गुजरात | १२ ज्योतिलिंग में से पहला समुंद्र तट पर है |
महाकालेश्वर मंदिर | उज्जैन, मध्य प्रदेश | १२ ज्योतिलिंग में से एक भोलेनाथ का प्रिय जह्हा है |
त्र्यंबकेश्वर मंदिर | नासिक, महाराष्ट्र | गंगा का स्रोत, 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल |
रानीपुर लिलागंज मंदिर | भुवनेश्वर, ओडिशा | ओडिशा का पहेला शिव मंदिर, |
मनकामेश्वर मंदिर | झरखंड | भक्तो के लिए मनोकामन पूरा करने वाला मंदिर |
मल्लिकार्जुन मंदिर | महाराष्ट्र | भागवान शिव और देवी शक्ति का संगम ज्योतिलिंग |
अन्नपूर्णा / काशी अन्नपूर्णा मंदिर | वाराणसी | शिव-पार्वती के जोड़े के लिए मशहूर |
क्यो ब्रम्हा को शिव का जनक कहा गया है
हिन्दू पुराणों मैं ऐसा कहा भागवान शिव का जन्म एक रहस्यमय कहानी है जादातर पुरानो मैं ये कहा गया है की शिव जी स्वयम भू है तो Who is the father of shiva ये है आजका सबसे बड़ा सवाल पर कुछ पुरानो मैं एक कथा आती है जिसमे ब्रम्हा जी को भगवान् शिव का मनस पुत्र कहा गया है।
पर इस कथा से यह पता चल है की ब्रम्हा जी अपने ध्यान मैं लीन थे उनके माथे से रक बहोत तेज सा प्रकाश निकला जिसमे से रुध्र हुए येही रुध्र बाद मैं भगवान् शिव कहलाये सबसे जादा ध्यान देने वाली बात ये है की इसे एक जन्म न समझकर इसे कथा के रूप मैं देखा जाता है।
इससे यह कहा जा सकता है कि शिव के जनक नहीं बल्कि उनकी शुरुआत या जन्म का कारण है यह कथा हमें ये सिखाती है की शिव की सत्ता अनंत है तो आप समझ गये होंगे की Who is the father of shiva भले ही खुछ पुरानो में ब्रम्हा जी को जनक बताया गया है पर वे स्वयं सृष्टि के जनक और अनादि देवता हैं।
भागवान शिव के परिवार मैं कौन कौन था
भगवान शिव का परिवार हिंदू धर्म में पवित्र परिवार माना जाता है। उनके परिवार को शिव परिवार कहा जाता है, जिसमें प्रेम, शक्ति, ज्ञान और कर्तव्य का सुंदर संतुलन दिखाई देता है।
भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती हैं, जिन्हें शक्ति या माता जगदंबा के नाम से भी जाना जाता है। पार्वती माता, शक्ति का स्वरूप हैं और सृष्टि की ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं। शिव और पार्वती के दो पुत्र हैं भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय (मुरुगन या स्कंद)।तो आएये देखते है की महादेव के परिवार मैं कौन है
- भगवान शिव परिवार के प्रमुख सदस्य है
- देवी पार्वती (शक्ति) भागवान शिव की पत्नी शक्ति और प्रेम की देवी
- भगवान गणेश महादेव के पुत्र बुद्धि और सफलता के देवता
- भगवान कार्तिकेय महादेव के पुत्र युद्ध वीरता और साहस के देवता
- नंदी बैल भागवान शिव के प्रिय वाहन और प्रिय भक्त
- गंगा माता जो भगवान की जटाओ मैं विराजमान है ये पवित्रता का प्रतीक है
- चंद्र देव शिव जी के मस्तक पर रहेते है शांति और संतुलन के प्रतीक
निष्कर्ष
तो इस सब से पता चलता है की भागवान शिव कोई सामान्य देवता नहीं है बल्कि अनंत शक्ति ज्ञान के प्रतीक हैं खुच पुरानो मैं ये कहा गया की ब्रम्हा जी उनके पिता है पर सुच तो ये है की महादेव स्वयंभू है उनकी न कोई माता थी न कोई पिता वो इस सृष्टी के आरंभ के पहेले भी थे और इसके अंत के बाद भी रहेंगे, इसीलिए भागवान शिव को ही पूरी सृष्टी पिता माना जाता है
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