हेलो दोस्तों आप सब कैसे हो आसा करता हूँ, आप सब बढ़िया होंगे। तो सुबह की खुबसूरत दिन में आप सब का स्वागत है। तो हमरे तरफ से जय श्री कृष्णा राधे-राधे। आज मैं लेके आया हूँ, सुबह की सबसे अच्छी भजन। हामरे प्यारे हम सब के प्यारे भगवान श्री कृष्णा जी का भजन। सुबह सुबह भगवन जी का दर्शन कर लो तो पूरा दिन अच्छा हो जाता है।
Lofi Version: Jai Radha Madhav
यह जो भजन है, विरिन्दा श्री जी ने गया है। हमरे राधा रानी और भगवान श्री कृष्णा जा का, एक और नाम माधव जी के बारे में कितना सुन्दर भजन गया है। दो ही लाइन में मन एकदम खुस हो जाता है। तो धन्यवाद जो इतना बढ़िया भजन लाये। हमरे बिच में।
गाने का लाइन: जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी। जय गोपी जन बल्लभ, जय गिरिधर हरी। जय गोपी जन बल्लभ, जय गिरिधर हरी। जय राधा माधव,जय कुंज बिहारी। यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन।
यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन। जमुना तीर वनचारी, जय कुंज बिहारी। जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी। मुरली मनोहर, करुणा सागर। मुरली मनोहर, करुणा सागर। जय गोवर्धन हरी, जय कुंज बिहारी। जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी। इतना सोंग एक बार आप लोग जरुर सुनिए गा तो चलते हाँ आपने दुसरे सोंग के तरफ।
Hare Krishna Hare Rama
इस भजन को गया है, जगजीत सिंह ने क्या भजन है। यार एकदम आत्मा को छु गया, एक बार सुनोगे तो ऐसा लगेगा। की एक अलग ही फील अत है। प्रभु राम और प्रभु कृष्णा जी का यह भजन मुझे तो बहुत ही अच्छा लगा। आप को कसा लगा। हमें जरुर ही बताईये गा।
गाने का लाइन हरे कृष्णा, हरे कृष्णा कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे। हरे कृष्णा, हरे कृष्णा। कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे। हरे रामा, हरे रामा रामा-रामा, हरे-हरे। हरे रामा, हरे रामा। रामा-रामा, हरे-हरे। हरे कृष्णा, हरे कृष्णा कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे ।हरे कृष्णा, हरे कृष्णा। कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे।
Radhe Braj Jan Man Sukhkari राधे ब्रज जन मन सुखकारी, राधे श्याम श्यामा श्याम
यह प्यारा गाना देवी नेहा सारस्वत जी ने गया है। यह भी बहोत सुन्दर भजन है। आप लगो को यह जरुर पसंद आयेगा। मई तो रोज़ सुनता हूँ, औए एक अलग सा ही मज़ा है, इस भजन में।
मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल, गल वैजयंती माला, चरणन नुपर रसाल, राधे श्याम श्यामा श्याम सुन्दर वदन कमल-दल लोचन, बांकी चितवन हारी, मोहन वंशी विहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम वृन्दावन में धेनु चरावे, गोपीजन मन हारी, श्री गोवर्धन धारी, राधे श्याम श्यामा श्याम राधा कृष्ण मिली अब दोऊ, गौर रूप अवतारी, कीर्तन धर्म प्रचारी, राधे श्याम श्यामा श्याम तुम बिन मेरा और ना कोई, नाम रूप अवतारी, चरणन में बलिहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम, नारायण बलिहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम।
Suno Krishna Pyaare
यह जो गाना है स्वाति सुकला जी ने गाया है। यह जो भजन है, यह भजन नहीं उनके दिल एक आवाज है। जो हमरे प्रभु श्री कृष्ण जी की इतनी सुन्दर गीत गयी है। की दिल कहता है, की बार बार सुनो और सुनते ही जाओ।
पूरा भजन: सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
तरसती हैं अँखियाँ दरस को तुम्हारे
कोई रूप लेकर अब चले आओ
कोई रूप लेकर अब चले आओ
नहीं तो निकल जाएगी जान ये हमारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती हैं अँखियाँ दरस को तुम्हारे
हमें भी सुनाओ वो धुन बाँसुरी की
हमें भी लुभाओ जैसे गोपियाँ लूभी थीं
हमें भी सुनाओ वो धुन बाँसुरी की
हमें भी लुभाओ जैसे गोपियाँ लूभी थीं
गैयाँ चिरैयाँ सब राह देखे
कलियुग में कितनी ज़रूरत तुम्हारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती हैं अँखियाँ दरस को तुम्हारे
फिर से कहीं कोई यशोदा डाँट लगाए
फिर से कहीं कोई लल्ला माखन चुराए
फिर से कहीं कोई यशोदा डाँट लगाए
फिर से कहीं कोई लल्ला माखन चुराए
हमें तुम सिखा दो रिश्ते निभाना
बदलेगी दुनिया को लीला तुम्हारी
सुनो कृष्ण प्यारे ये विनती हमारी
तरसती हैं अँखियाँ दरस को तुम्हारे
प्रेम में राधा और राधा के कृष्णा
दूर हुए दो प्रेमी, एक हुए नाम
फिर ये दुनिया कहती राधे कृष्णा
फिर ये दुनिया कहती राधे कृष्णा
सिखा दो ना हमको ऐसी पवित्रता तुम्हारी
सुनो श्याम प्यारे ये विनती हमारी
तरसती हैं अँखियाँ दरस को तुम्हारे
कोई रूप लेकर अब चले आओ
कोई रूप लेकर अब चले आओ
नहीं तो निकल जाएगी जान ये हमारी
SHRI KRISHNA GOVIND HARE MURARI – श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
यह भजन जो है। रविन्द्र जैन जि ने गया है। वासे बहोत सारे लोग ने गया है। पर मुझे तो इनका ही भजन पसंद है। आप लोग को जो पसंद आये वो सुन सकते है। पर क्या गीत है। जब भी सुनो तो हर बार नया सा लगता है।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण…
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण…
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…
बंदी गृह के तुम अवतारी, कहीं जन्मे, कहीं पले मुरारी
किसी के जाए, किसी के कहाए, है अद्भुत हर बात तुम्हारी
है अद्भुत हर बात तुम्हारी…
गोकुल में चमके मथुरा के तारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
अधर पे बंसी, हृदय में राधे, बँट गए दोनों में आधे-आधे
हे राधा नागर, हे भक्तवत्सल, सदैव भक्तों के काम साधे
सदैव भक्तों के काम साधे
वहीं गए, जहाँ गए पुकारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
गीता में उपदेश सुनाया, धर्मयुद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा, यह सन्देश तुम्हीं से पाया
अमर हैं गीता के बोल सारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धु सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण…
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण…
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…
बंदी गृह के तुम अवतारी, कहीं जन्मे, कहीं पले मुरारी
किसी के जाए, किसी के कहाए, है अद्भुत हर बात तुम्हारी
है अद्भुत हर बात तुम्हारी…
गोकुल में चमके मथुरा के तारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
अधर पे बंसी, हृदय में राधे, बँट गए दोनों में आधे-आधे
हे राधा नागर, हे भक्तवत्सल, सदैव भक्तों के काम साधे
सदैव भक्तों के काम साधे
वहीं गए, जहाँ गए पुकारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
गीता में उपदेश सुनाया, धर्मयुद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा, यह सन्देश तुम्हीं से पाया
अमर हैं गीता के बोल सारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धु सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी…
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण, राधे राधे कृष्ण कृष्
निष्कर्ष:
तो प्यारे दोस्तों आजका Krishna Bhajan Lyrics एहिं पर अंत करते हैं, वेसे तो भगवान श्री कृष्णा जी के हजारों लाखों भजन है यदि आपके मन में कोई ऐसा गीत है और आप उसे लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं. और एडी आजका यह लेख आपको पसंद आया है तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर अवश्य करें.
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